In paying tribute to the genius of one who has by his stupendous labours done more than any other single…
In paying tribute to the genius of one who has by his stupendous labours done more than any other single…
अप्रिषोमौ पक्षाबोंकारः शिरों बिन्दुस््तु भेत्र मुखं रुद्ो रुद्राणी चरणौ बाहू कालश्चाप्रिश्चोभे पाश्वे भवतः। विश्व एक ऊर्ध्व गतिमान उड़ते हुए पक्षी…
देवो व: सविता प्रार्पयतु श्रेष्ठठमाय कर्मणे । (बा.सं. 7-)सविता देवता तुम लोगों को श्रेष्ठ कर्म में संलग्त करो। जगत्, जीवन…
हिंदी में कोशों का आरम्भ १३वी शताब्दी से माना जा सकता हैं जब कि प्राय अमर कोश, मेंदिनी कोश, आदि…
© Bijay Shankar Halwasiya